देखा जब से मैं ने तुझको और तेरे चेहरे की ये मुस्कुराहट आँखों का नूर और होठों की ये हंसी, उस जगमगाते हरे सावन को भी फीका करने वाला है कोई हो गया है इसका मुझे पूरा यकीं ॥ #20