पहले बर्बाद फिर खुद को आबाद किया है, दिल-ए-नाशाद को नाउम्मीदों से हमने आज़ाद किया है, सूरज ढल चुका है तो अँधेरों की गुलामी करो यही नई रिवायत है, पर नफ़रती अँधेरों में भी हमने नूरानी मोहब्बत ज़िंदाबाद किया है, -सुमीत "विद्रोही" #MohabbatZindabaad #Love #dawn