मानो या ना सही हो या गलत जो मिलता है केवल तुम्हारे हाथो का काम है तुम्हारे कर्मो का एक तोहफा है अब इसे नसीब कहो या नसीहत जलवा केवल तुमहारे कदमो का है सुना है ,दाने दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम कोई भी वस्तु हो जीव हो या निर्जीव अपने मालिक को स्वयं चुनती है जो कुछ मिला है तुम्हें उसके मालिक भी तुम्ही हो अपनी पसंद को पाने के हकदार तो बनो सब कर्मो का खेल है जनाब क्योंकि एक समय पर एक जगह पैदा हुए बालको में भी भेद होता है एक राज होता है तो दूजा रंक प्रतीत होता हैं.. -----shruti mor #Sabse_badi_galti _socha kutch sch kutch