'ॐ साईं राम' तू टूटता है, तो मैं भी टूट जाता हूँ, तुझमें रहता हूँ, असर तो होगा ही। सबका दर्द हरूँ, वक़्त भी लगता है, निरंतर चलता हूँ, पहर तो होगा ही। तेरे साथ था, हूँ और रहूँगा हमेशा ही, वादा किया और निभाऊँगा हमेशा ही, तू थकता है, तो मैं भी थक जाता हूँ, तुझमें रहता हूँ, असर तो होगा ही। सबका मान रखूँ, वक़्त भी लगता है, सुनता रहता हूँ, देर-सवेर तो होगा ही। विश्वास रख, दुख-दर्द के बादल छटेंगे, उम्मीद रख, ये मुश्किलों के पल कटेंगे, तू रुकता है, तो मैं भी रुक जाता हूँ, तुझमें रहता हूँ, असर तो होगा ही। सबका ध्यान रखूँ, वक़्त भी लगता है, बाँटता रहता हूँ, तितर-बितर तो होगा ही।। रमज़ान 27वाँ दिन #रमज़ान_कोराकाग़ज़