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कोई उसको बताए कितना तन्हा हो गए हैं उसके बिना, हकी

कोई उसको बताए
कितना तन्हा हो गए हैं उसके बिना,
हकीकत छोड़कर सपना हो गए हैं उसके बिना।
हर पल हवाओं सा छूकर गुजर जाता है उसका ख्याल,
क्यों तेरे नहीं मिलने का हरदम बना रहता है मलाल।
सूखी रेत सा बिखरने लगा हूँ मैं,
उसका नाम लेकर सांसें भरने लगा हूँ।
सूरज डूबा रहा है डरने लगा हूँ रात से,
धड़कनें बढने लगती है उसकी किसी बात से।
अब वो आ जाए तो दिल संभल जाएगा,
मेरे दिल का सारा दर्द भी निकल जाएगा। कोई उसे बताए
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कोई उसको बताए
कितना तन्हा हो गए हैं उसके बिना,
हकीकत छोड़कर सपना हो गए हैं उसके बिना।
हर पल हवाओं सा छूकर गुजर जाता है उसका ख्याल,
क्यों तेरे नहीं मिलने का हरदम बना रहता है मलाल।
सूखी रेत सा बिखरने लगा हूँ मैं,
उसका नाम लेकर सांसें भरने लगा हूँ।
सूरज डूबा रहा है डरने लगा हूँ रात से,
धड़कनें बढने लगती है उसकी किसी बात से।
अब वो आ जाए तो दिल संभल जाएगा,
मेरे दिल का सारा दर्द भी निकल जाएगा। कोई उसे बताए
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