हर दर्द की बया तो नहीं......... मैं ज़िदगी से और जिंदगी मुझसे खफा तो नहीं क्या खोया क्या पाया क्या हिसाब दूँ हर किस्से में अपनो का नाम आता है वरना गैरो से सौदा-ए वफा तो नहीं हर रौशनी एक दिन बुझती हैं क्या डरना अंंधेरो से दिल लगाना खता तो नहीं मेंने भी सपने आसमा को छूने का रखा था मगर हर किसी की मुकम्मल जहां तो नहीं #anshi