Nojoto: Largest Storytelling Platform

लहज़ा तुम्हारा बता रहा, कि हम तुम्हारे कोई नहीं, इ

लहज़ा तुम्हारा बता रहा, कि हम तुम्हारे कोई नहीं,
इसलिए  डगमगाते  क़दमों  को  सम्हालने  लगे  है  हम!

कहीं टूट कर बिखर न जाऊं आईने की तरह,
इसलिए  पत्थर  की  तरह  मूरत  में  ढलने  लगे  है हम!

हां मालूम है पास आकर भी फासले बहुत हैं,
इसलिए  ख्यालों की स्मृतियों के पन्ने पलटने लगे है हम!

तुम्हारी यादें सिमटी हुई चली आती हैं दरारों से होकर,
इसलिए  उनके  ज़िक्र  को  मरहम  लगाने  लगे  है  हम!

तुम्हारे पीछे आए अब यह मुझसे होगा नहीं,
इसलिए   ख़ुद   को   कस्तूरी    बनाने    लगे   है   हम!

तुम्हें  भूल  जाए  यह   भी   मुमकिन   नहीं,
इसलिए  इस  कमबख्त  दिल  को बहलाने लगे है हम!

तुम्हारे बग़ैर कहीं रुक न जाए धड़कन ज़मीन पर,
इसलिए भरकर उड़ान परिंदों की मानिंद आसमां नापने लगे है हम!!

  #सारिका

©Sarika Tripathi #WorldAsteroidDay
लहज़ा तुम्हारा बता रहा, कि हम तुम्हारे कोई नहीं,
इसलिए  डगमगाते  क़दमों  को  सम्हालने  लगे  है  हम!

कहीं टूट कर बिखर न जाऊं आईने की तरह,
इसलिए  पत्थर  की  तरह  मूरत  में  ढलने  लगे  है हम!

हां मालूम है पास आकर भी फासले बहुत हैं,
इसलिए  ख्यालों की स्मृतियों के पन्ने पलटने लगे है हम!

तुम्हारी यादें सिमटी हुई चली आती हैं दरारों से होकर,
इसलिए  उनके  ज़िक्र  को  मरहम  लगाने  लगे  है  हम!

तुम्हारे पीछे आए अब यह मुझसे होगा नहीं,
इसलिए   ख़ुद   को   कस्तूरी    बनाने    लगे   है   हम!

तुम्हें  भूल  जाए  यह   भी   मुमकिन   नहीं,
इसलिए  इस  कमबख्त  दिल  को बहलाने लगे है हम!

तुम्हारे बग़ैर कहीं रुक न जाए धड़कन ज़मीन पर,
इसलिए भरकर उड़ान परिंदों की मानिंद आसमां नापने लगे है हम!!

  #सारिका

©Sarika Tripathi #WorldAsteroidDay