मेरे सुकून का 'एहसास' तुम हो मेरी ज़िन्दगी में बहुत 'खास' तुम हो पवित्रता की प्रति मूर्ति गंगा तुम हो मेरे अच्छे-बुरे का 'हिसाब' तुम हो बैठ संग तेरे वो हसीन लम्हा तुम हो दिल की धड़कन की 'प्यास' तुम हो नज़रे ढूँढती है जिसे वो 'यार' तुम हो प्रेम की धार खुशी की बयार तुम हो गंगा किनारे की हसीन 'शाम' तुम हो लबों पर आता हसीन 'नाम' तुम हो ♥️ Challenge-675 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।