थोड़ा सा गुस्सैल हैं, लेकिन बहुत प्यारी हैं दिल की बात नही बताती,आँखो से कह जाती हैं लगती मुझको प्यारी हैं, दोस्ती में वो न्यारी हैं नज़र नही मिलाती हैं, मुझको बहुत डराती हैं मै खोने से डरता हूँ,बहुत प्यार करता हूँ मुझसे कुछ ना कहती हैं, मन ही मन तड़पती हैं मुह से कुछ बोल दो, राज़ दिलो के खोल दो मेरी दिल की डोर हैं, ऑप्शन कोई न और हैं मिलने को तड़पता हूँ,देखने को तरसता हूँ मुह बंद करके रहती हैं, आँखों की बाते समझती हैं दिल में राज़ करती ,दिल की सहजादी कहलाती है वो पापा की अपनी गुड़िया,मुझे गुड्डा बुलाती हैं एक बार की बात हैं,हा मुझे अच्छे से याद हैं वो लेके आयी घर से अपने कुछ मेरे लिए ख़ुश्बू प्यार की आयी थी,लड्डू लेके आयी थी बड़े चाव से खाया था,मन मेरा मुस्काया था वो बरसो की बात हुई,गम में मेरी रात गई है मुद्दत से इंतज़ार मुझे,कब लडडू खिलायेगी मेरे दिल में आएगी,अपना मुझे बनायेगी दिल में अपने बसायेगी,दिल मेरा ले जाएगी।। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ●आकिब जावेद● थोड़ा सा गुस्सैल हैं, लेकिन बहुत प्यारी हैं दिल की बात नही बताती,आँखो से कह जाती हैं लगती मुझको प्यारी हैं, दोस्ती में वो न्यारी हैं नज़र नही मिलाती हैं, मुझको बहुत डराती हैं मै खोने से डरता हूँ,बहुत प्यार करता हूँ मुझसे कुछ ना कहती हैं, मन ही मन तड़पती हैं मुह से कुछ बोल दो, राज़ दिलो के खोल दो मेरी दिल की डोर हैं, ऑप्शन कोई न और हैं