बिन कहे सब समझ जाते हो ग़मो की धूप में ठंडी छाँव बन जाते हो कितनी रातें सिर्फ रूखी रोटी खाकर सोये हो मेरे दर्द में मेरे लिए कितना रोये हो मेरी हर ख़्वाहिश को पूरा करते जाते हो ईश्वर हो आप ही ख़ुदा मेरे❤️❤️ बस नाम से पिता कहलाते हो🙂 #pendeep #FathersDay