रूप माँ की है सबसे पावन सुहाए तेरा ये भोलापन! तेरी कृपा से निरोग काया, और चमकता है कण-कण! जो तुझे पूजे मन-भर-लाई,उसपे रहती तू सदासहाय! देती है तू वर मनभावन, खुशियों से भर देती आँगन! सुहाग सबका बनाय रखती, गौरी तू शिव शंकर प्यारी! दुर्गा अष्टमी महागौरी स्वरुप, तू ही जगदंबा माता जग-जननी! 🌹नमस्ते लेखकों🙏🏼 🌺कोलैब करने से पहले 📌पिन पोस्ट अवश्य पढ़ लें। 🌺 आप सभी दिए गए विषय पर 6 - 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूरी करें। 🌺पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें।