खुद को न जाने कितने तकलीफो में रखकर हमें पाला है खुद भूखे रहकर हमें खिलाया है आज तक वो अपने चेहरे का ख्याल नहीं रखीं फिर भी आज तक हमने उसका सबसे खूबसूरत चेहरा पाया है खुद की जरूरतों को पूरा न कर उसने हमारी जरूरतों को पूरा किया है बिना बताए हर एक बात समझ जाती है उससे हम लाख छिपाये लेकिन वो हर एक बात जान जाती है आखिर करे भी तो क्या आखिर वो हमें हमसे ज्यादा जानती है हमारे लिए वो खुद की जरूरतों को पूरा न कर पैसे बचाती है वो खुद से ज्यादा हमें मानती है बिना कुछ मांगे बेपनाह मोह्हबत करती है हमें डाट कर वो बाद में खुद आकर समझाती है इतने साफ़ दिल से कोई और प्यार नही करता ऐसी बस माँ होती है । #माँ