यारा तेरी यारी के सदके मैं जवानी में जी रहा हूँ, किसी अनकहे दिल के कोने मैं फिर से वो बचपन ढूंढ रहा हूँ, बचपन की मस्तियों के सिरहाने जवानी की नींद खोज रहा हूँ, क्यों चला गया वो बचपन? क्यों आ गयी जवानी? बस यही सवाल ज़िन्दगी से पूछ रहा हूँ, बचपन में तू साथ होता था पर एहसास नही होता था, अब एहसास तो होता है पर तू साथ नही होता है, आजा फिर से मेरे पास शायद ये जवानी की मुश्किलें कम हो जाये, तू मेरे साथ है चाहे ऐसा कोई भ्रम हो जाये, बस इसी आस के साथ मैं ज़िन्दगी से रूबरू लड़ रहा हूँ, यारा तेरी यारी के सदके मैं जवानी में जी रहा हूँ, यारा तेरी यारी के सदके....। yaara teri yaari ke sadke...|