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कहानी जीवन के रंगमंच पे खत्म हो गयी तो क्या, मेरी

 कहानी जीवन के रंगमंच पे खत्म हो गयी तो क्या,
मेरी आँखों में अभी दास्तान बाकी है.!

ताऊम्र मुझे ए ज़िंदगी तुने रुलाया भी तो क्या,
मेरे होठों पे आखरी मुस्कान बाकी है.!

क्या हुआ जो मेरे सपनों को मिली नही मंजिल,
रास्ते तो नेकी के दिए,ये एहसान बाकी है!

क्या हुआ जो बन गया ख्वाईशो का कब्रिस्तान दिल में,
मौत को गले लगाने का अभी अरमान बाकी है!

©सुशील यादव "सांँझ"
  #आखरी_मुस्कान_बाकी_है