बैठी जदों मैं लावा लेन मेरी आंख भर आई, मेनू इक गल समझ नी आई, एस नु ख़ुशी आखा की गम, मेरी आंख आपे ही भर आई, अगे मेरा साहिब ते पीछे मेरा बाबुल, इक हाथ छढ़ दूजे हाथ मेरी कलाई थमाई, बैठी जदों मैं लावा लेन मेरी आंख भर आई।। #लावा - फेरे छड़ - छोड़ साहिब - पिया(पति) बाबुल - पिता #punjabi #yqbaba #yqdidi #yqpaaji