#DaughtersDay क्यों होतीं हैं बेटियां ख़ास? जब समाज प्रश्न ये करता है,तब समझो उनकी स्थिति दयनीय है। है अवतार जो सरस्वती लक्ष्मी शक्ति की वो तो बस वन्दनीय हैं।। बेटियों से आता संस्कार,संस्कृति की वो जननी है। जिस घर मे हों बेटियां शुभता अवश्य हीं होनी है।। पायलों की रुनझुन बोली हो या मीठी तोतली बोली हो। माँ के आंचल की भोली हो या भाई के सर की रोली हो।। बचपन की प्यारी होली हो या परिवार के साथ दीवाली हो। सब की आंखे नम हो जाती जब आंगन से उठती डोली हो। सब खुशियों की झोली है,रौनक की मानो टोली है। पिता के आंगन की लाडली वो,सब तनाव हटाने की गोली है।। बड़ी बेटी होती जिस घर में,छोटों को होता दूसरी माँ का एहसास। कितना भी कर लूं वर्णन नहीं बता सकता क्यों बेटियाँ होतीं हैं ख़ास।। क्यों होतीं हैं #बेटियां ख़ास? जब #समाज #प्रश्न ये करता है,तब #समझो उनकी #स्थिति #दयनीय है। है #अवतार जो #सरस्वती #लक्ष्मी #शक्ति की वो तो बस #वन्दनीय हैं।। बेटियों से आता #संस्कार,#संस्कृति की वो #जननी है। जिस #घर मे हों बेटियां #शुभता #अवश्य हीं होनी है।।