कोई समझे न समझे पर यकीन था मुझे मेरी बात का मतलब तू समझ ही जाएगा ज़िन्दगी को नकार कर कोई खुश नहीं अपनों को दुखी करने का कोई शौक़ नहीं उलझे हुए रिश्तों को सुलझाने के लिए रिश्तों की डोर होना भी क्या जरूरी नहीं ? #relations #family #dost #emotions #rampujari #author