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सूख रही यह धरती, बरसो रे मेघा बहुत ज़ोर से, ऐसे कि

सूख रही यह धरती, बरसो रे मेघा बहुत ज़ोर से,
ऐसे कि माटी की सुगंध आ जाए हर ओर से।
मेघा तुम अपने भीतर जल भरकर कहाँ जाओगे,
सूखी धरती पर बरसो, लाखों दुआएं पाओगे।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #बरसो #रे #मेघा