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तुझसे मुलाकात मेरी, फ़िर करा आई है देख ! यह कलम तु

तुझसे मुलाकात मेरी, फ़िर करा आई है 
देख ! यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है |

होने को तो, बहुत दूर था ना तु मुझसे 
पर देख, वो तुझे अब कितना पास ले आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है......!! 

अनकही जो सारी बाते थी तेरी, 
आज बेवजह वो सब सुन आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है......!! 

किस्सा तेरा जो अधुरा था कभी 
अब उसे वो पूरा सा कर आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है.....!! 

रातो को, जो दिन सा महकाया था तुने 
उस हर एक बात का अहसास कर आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है...!! 

 तुझसे मुलाकात मेरी, फ़िर करा आई है |
देख ! यह कलम तुझे फ़िर छूं  आई है ||
 
By:-Akshita Jangid 
(poetess) तुझसे मुलाकात मेरी, फ़िर करा आई है 
देख ! यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है |

होने को तो, बहुत दूर था ना तु मुझसे 
पर देख, वो तुझे अब कितना पास ले आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है......!! 

अनकही जो सारी बाते थी तेरी,
तुझसे मुलाकात मेरी, फ़िर करा आई है 
देख ! यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है |

होने को तो, बहुत दूर था ना तु मुझसे 
पर देख, वो तुझे अब कितना पास ले आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है......!! 

अनकही जो सारी बाते थी तेरी, 
आज बेवजह वो सब सुन आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है......!! 

किस्सा तेरा जो अधुरा था कभी 
अब उसे वो पूरा सा कर आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है.....!! 

रातो को, जो दिन सा महकाया था तुने 
उस हर एक बात का अहसास कर आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है...!! 

 तुझसे मुलाकात मेरी, फ़िर करा आई है |
देख ! यह कलम तुझे फ़िर छूं  आई है ||
 
By:-Akshita Jangid 
(poetess) तुझसे मुलाकात मेरी, फ़िर करा आई है 
देख ! यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है |

होने को तो, बहुत दूर था ना तु मुझसे 
पर देख, वो तुझे अब कितना पास ले आई है |
यह कलम तुझे फ़िर छूं आई है......!! 

अनकही जो सारी बाते थी तेरी,