मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में मैने किया है साज श्रृंगार कान्हा तेरे स्वागत में माखन मिश्री का भोग लगाया हाँ भोग लगाया तुम देर न करना गोपाल मेरे घर आने में मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में चारो दिशाओं में बिजली कड़के हाँ बिजली कड़के यमुना भी मारे उफान कान्हा तेरे स्वागत में मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में सबकी अँखियाँ तरस गई है हाँ तरस गई है तुम आना यूं ही दिन रात मेरे घर आँगन में मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में जन्म से पहले जगराता हैं हाँ जगराता है कोई सोयेगा नहीं आज रात कान्हा तेरे स्वागत में मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में गरजे बदरा बरसे बरखा हाँ बरसे बरखा मैने सजाया हैं पालना गोपाल जल्दी आ जाना मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में आप सभी को हमारी और से कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं🎂🎂🎂🎂🍫🍫🍫🍫🎊🎊🎉🎉🍹🍹 मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में मैने किया है साज श्रृंगार कान्हा तेरे स्वागत में माखन मिश्री का भोग लगाया हाँ भोग लगाया तुम देर न करना गोपाल