निशा कमवाल (बचपन) ******** अद्भुत सा अनमोल अति न्यारा यह प्यारा, बिना चिंता का बचपन का संसार हमारा, वो पानी में हिलोरें खाती एक कश्ती थी, नंगे पाँव निकलते वो सावन की मस्ती थी, नन्हें नन्हें पैरों में वो पायल खनकती थी, सच मायनों में वहीं मेरी असली जिंदगी थी,