आज मौसम ने ली फिर अगडाई बहोत दिनो के बाद फिर तेरी याद आई हवा कुछ यू बालों से टकराई सासों फिर एक नमी सी छाईं रूक जाना चाहते थे बस वहीं फिर भी न जाने ये हवा तेरी यादो का झरोखा कहाँ ले आई खुद को लिपटाकर कर इस यादों के झरोखों मे मानो ऐसा लगा आज जिंदगी फिर जंनत की सैर कर आई और सालों से फिकी पडी ये मुसकान हमारी मानो आज सजीवनी बूटी से अपना जीवन ले आई ©SCREATION तेरी याद आई #standAlone