विस्थापित से जीवन में स्वदेश ढूंढती हूं विकस सके मन अंकुर वो परिवेश ढूंढती हूं व्यथा देश की कथा देश की स्वप्निल निवेश ढूंढती हूं देहरी, मुंडेर, आंगन, जगत अपनों का देश ढूंढती हूं दीवारों पर टिकी छतों तले मर्यादा शेष ढूंढती हूं तुममें तुम रहे नहीं मैं तुम्हें निर्निमेष ढूंढती हूं #toyou #yqi #yqlandoflandless #blur #yqblue #yqpinkdreams #yqmycountry