सपना शायद जो टूट गया वो सपना था हां मगर कुछ देर के लिए ही सही वो अपना था.... ना थी उसके अंदर किसी कि दखल अंदाजी और ना ही मैं मजबूर था .... बस रह गया मेरे अंदर इसी बात का गुरुर था मैं ना जाने किस अंहकार में चुर था .... और कहीं ना कहीं मेरी इसी खता के कारण मैं अपने इस सपने से कोसों - कोसों दूर था !! #life #shayar kavi Asif Ansari