किताबों की दुनिया... बे हिसाब ख्वाबों की दुनिया , न जाने कितने किरदार कैद होते हैे इनमें, जिन्हे लफ्जों से देखा और महसूस... किया जा सकता है, किसी की दुनिया लिखी होती है , तो किसी की कलपना... लिखी होती है,हर पलटते पन्ने के साथ .. बदलते एहसासों की दुनिया, बड़ी रंगीन होती है इस दुनिया से... क्यो कि सब कुछ घट चुका होता है और सब कुछ एक कहानी-व-किस्सा बनकर इसमे लफ्ज बनकर ठहर जाता है... जिसे बदला नही जा सकता, कुछ एसी होती है किताबों की दुनिया।— % & #yqdidi #yqhindi #kitab_e_zindagi