गाँव का मेला फिर से आया खुशियों का थैला लटकाया गाँव का मेला फिर से आया .... कही जलेबी वाला दिखता हांथो पर कोई नाम है लिखता कही दो रूपये बोल बोल के ठेले पर किस्मत है बिकता फुलकी का भी स्वाद निराला सबने दो दो प्लेट लगाया गाँव का मेला फिर से आया .... इधर उधर सब चलते रहते कभी कलेंडर बुक देखते बिछड़े लोग वही है मिलते अपनी अपनी कहते रहते पान कुचते चचा घूमते जाने का आर्डर फ़रमाया गाँव का मेला फिर से आया .... -मनीष यादव #Gaon_ka_mela. sonam mishra (Youtuber) Monika Abhishek Kumar Vallika Poet Jayanti Kumari Upadhyay