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गर्मी है हवाओं में ! खून उबल रहा है ! दिल ठहर रहा

गर्मी है हवाओं में !
खून उबल रहा है !
दिल ठहर रहा है ! 
सांसें रुक रही है !
इरादे मिट रहे है ! 
लेकिन हुआ क्या; 
अब इन आंखों को !
बस तुझे धुंड रहीं है !


 'धूप बहुत तेज़ है'

तुम्हारे बग़ैर यह सफ़र रेगिस्तानी लगता है। 
न कोई पेड़ न कोई सराय उस पर मुश्किलों की ये तेज़ धूप। 

Collab करें YQ Didi के साथ।

#धूपतेज़है
गर्मी है हवाओं में !
खून उबल रहा है !
दिल ठहर रहा है ! 
सांसें रुक रही है !
इरादे मिट रहे है ! 
लेकिन हुआ क्या; 
अब इन आंखों को !
बस तुझे धुंड रहीं है !


 'धूप बहुत तेज़ है'

तुम्हारे बग़ैर यह सफ़र रेगिस्तानी लगता है। 
न कोई पेड़ न कोई सराय उस पर मुश्किलों की ये तेज़ धूप। 

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#धूपतेज़है
ankit6955434175773

Ankit

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