मैंने बस जाने दिया उसे जज्बातों के महल का खंडहर बनाने दिया उसे वो गया भी यूँ कि रोक कर भी क्या करता किसी पराये की अमानत हो जाने दिया उसे कुछ इल्जामो का बोझ आज भी लेकर घूमता हूँ कि दो पल को पाया था पर फिर मैंने गंवा दिया उसे। इतना भी नहीं किया बिछड़ने वालों ने कि एक दूसरे के पाँव में अपनी आवाज़ की ज़ंजीर ही डाल देते। #रोकानहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi