बताऊं ज़रा!🌸🌸 नज़र ने नज़र से क्या कहा, हो इजाज़त, बताऊं ज़रा! दिल में धड़कनों ने की बग़ावत, क्यूँ भला, बताऊं ज़रा! रस्म-ए-उल्फ़त अरमां जगाए, ज़मीं औ फ़लक से पूछूं ज़रा! बिंदिया चमके, कंगना बोले, क्यूँ गोरी शर्माए, बताऊं ज़रा! कोयल कूके बाग़ में... मनवा डोले इत-उत, बताऊं ज़रा! साजन दूर खड़े मुस्काए, सजनी अंखियां मीचे,पास आऊं ज़रा! दिल की सदाओं ने क्या कहा, ग़र पूछो जो, बताऊं ज़रा! ये ख़ुशबूओं की हरारत, क्यूँ भवरे करे गुंजन, बताऊं ज़रा! नज़र ने नज़र से क्या कहा, हो इजाज़त, बताऊं ज़रा! बताऊं ज़रा....🌸🌸 💞🍃 ©श्वेतनिशा सिंह ~🕊️ बताऊं ज़रा!🌸🌸 नज़र ने नज़र से क्या कहा, हो इजाज़त, बताऊं ज़रा! दिल में धड़कनों ने की बग़ावत, क्यूँ भला, बताऊं ज़रा!