" जय मिथिला " क्षण - क्षण पर सुखद सनेष हम छी मिथिला, भारत हमर देस। जय जानकी, जय सलहेश भिन्न भिन्न जाति, भिन भिन्न भेष। जय मिथिला जय मैथिल प्रदेश।। बाड़ी, गाछी, पोखैर, पान साग, आम, माछ, मखान। सब कोई अप्पन, नै कोई आन होली, छैठ संगे रमजान। जय हे मिथिला, मैथिल महान।। घरे- घरे मरबा, मचान बारिए- झारिये, तिलकोर आ पान। ई थिक राजा जनकक धाम मंडन, अयाची सन बिद्वान। मिथिलाक माटिक याह पहचान।। मधुर बोली, निक संस्कार उत्तम अइछ पाहुन सत्कार। भोज में पकवानक प्रकार, सौंसे गाम नोत- हकार। ई थिक मिथिलाक व्यवहार।। रेडी सुनब, टरेेन चढ़ब धिया- पुता कऽ बाहर पठैब। हिन्दी, अंग्रेज़ी सब किछु पढायब मुदा घर में मैथिली ये बाजब। जय मिथिला, सब मैथिली गायब।। ✍️ashish_vats #sunrays #मिथिला #मैथिली #संस्कृति