उसकी तहज़ीब कुछ अलग थी उसकी निगाहें कहीं ओर थी अब वो अपना पन कही खो चुका था शायद वो किसी ओर की हो चुकी थी। उसके सिवा किसी ओर पे मेरी नज़रे नही टिकती थी जब भी मिलाता था आंखें उससे वो बस नज़रे हटाने के लिए बहाने बनाती थी। बेवकूफि कर बैठा था मैं तुमसे प्यार करता था मैं सफर-ऐ-इश्क़ में जिसे हमसफर मानते थे आज वो हमें बीच सफर में अजनबी मान चुकी थी। न तुम हमारे थे न हम तुम्हारे थे यह रिश्ता था कई सालो पुराना शायद यह रिश्ता टूट चुकी था । अब अजनबी है हम तुम्हारे लिए , खुशनसिब हैं हम। अब बेवजह मुलाकात नही होती पहली नज़र में जो प्यार हुआ था उसको मुझेसे , शायद उसने अपने प्यार को कहीं दफना चुकी थी। #restlessness #idle #memories #yqbaba