चले आना! सब कुछ समेटकर दिनभर जाने क्या क्या सहेजते फिरते हो भूल जाते हो इसी उधेड़बुन में मुझे गले लगाना समेट लेना तल अतल कि जैसे पतझड़ को बुहार कर गुनगुना देता है बसंत हरियाली धरती पर और धरती के सुघर नयन रंग देते हैं आकाश फिर भी बादल जगाता है कुछ और कुछ और प्यास... काफ़ी नहीं होता पल दो पल का मधुमास... भूल जाते हो वही गीत गाना आंखों में कट जाता है दिन चांद! हो तो आंखों में आना चले आना! और देखो सामने रहकर यों मत तरसाना #toyou #mylove #dearmoon #thedarkfear #yqnearandfar#whereyouare #waitingfor