आँखो से ना तारीफ़ की मैंने दिल से तेरी इज्जत करना जानता हूंँ सच कह रहा हूँ मैं तुम्हें उस चाँद से कई ज्यादा खूबसूरत मानता हूँ तेरे रश्क-ए-क़मर देख कर हाय ये चाँद क्या वो भी शरमा जाए इस बात की ख़बर भी ना तुम्हें ,मैं दुआओं में हर रोज तुम्हें ही माँगता हूँ Challenge-156 #collabwithकोराकाग़ज़ 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) (रश्क-ए-क़मर का अर्थ है चाँद की ईर्ष्या (Envy of the Moon) सीधे शब्दों में अर्थ - ख़ूबसूरती ऐसी कि चाँद को भी जलन होने लगे) #रश्क_ए_क़मर #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️