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नागिन से श्याम केश बलखा रहे हैं,सोहें,स्वर्ण आभ वस

नागिन से श्याम केश बलखा रहे हैं,सोहें,स्वर्ण आभ वसन पे स्यामल किनारियाँ।
राधिका कौ चन्द्रमा सौ वदन निहारिबे कूँ, करत मनोहर मधुर मनुहारियाँ।
बाँसुरीहू सौंपी तोकूँ,खुद ही बजाऔ पर,मोकूँ दिखलाऔ गोरे रूप की उजारियाँ।
ऐसौ मनमोहन सुहावनों जुगल यापै,जावै 'परेशान' बार बार बलिहारियाँ।।
✍परेशान✍

©Jitendra Singh #श्याम
#radheshyam
#yugalsarkaar
#priyaapriyatam anjali foujdar Dharmendra Singh Rakesh Srivastava Sheetal Buriya Himanshu Hans
नागिन से श्याम केश बलखा रहे हैं,सोहें,स्वर्ण आभ वसन पे स्यामल किनारियाँ।
राधिका कौ चन्द्रमा सौ वदन निहारिबे कूँ, करत मनोहर मधुर मनुहारियाँ।
बाँसुरीहू सौंपी तोकूँ,खुद ही बजाऔ पर,मोकूँ दिखलाऔ गोरे रूप की उजारियाँ।
ऐसौ मनमोहन सुहावनों जुगल यापै,जावै 'परेशान' बार बार बलिहारियाँ।।
✍परेशान✍

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