तेरे खिलाफ लिखने की सोच कर तेरे हक़ में लिखता हूँ.. तेरी नफरत से भरे इस दिल से मैं इश्क़ लिखता हूँ। तू रूठ जायेगी किस बात से पता है मुझे.. बस उसी बात को छोड़ सारी कायनात लिखता हूँ। ©Raj Singh Rana #Khilaf