#StopAcidAttacks तेज़ाब फेंककर तूने शरीर तो मेरा जला दिया इक बात बता रूह मेरी जला पाएगा क्या मन-मंदिर में मेरे तू न कल था, न आज है और न भविष्य में होगा ये घिनोनी जो हरक़त तूने की है, मेरे मन में बस जाएगा क्या चल इक बार को तेरी हो भी जाती ग़र जिस्म तो हासिल कर लेता, पर सचमुच मुझे हासिल कर लेता क्या मेरे सौंदर्य को तो छीन लिया तूने ख़ैर मेरी सख्सियत की क़द्र करने वाले भी छीन लेगा क्या बुझदिल है तू, अपनी इस बुझदिली से तूने मुझे तत्क्षण रोका है उड़ान ऊंची है मेरी, अनंत आसमान को भेदने से भला रोक पाएगा क्या अरे मैं क्या, गनीमत है जो कोई तेरा होना स्वीकारे तुझ जैसे दरिंदों की दुनियां भी ऊपरवाला कभी बसाता है क्या ऐसा करके भले ही तुझे मन की शांति मिली हो, पर तू कभी जी नहीं पाएगा मेरी रुदन से निकले अश्रु तेज़ाब बन तेरी ज़िन्दगी जला देंगे, नामर्द है तू, अपनी मर्दानगी पे इठलाता है क्या #stopacidattack #hindipoetry #urdupoetry #nojotoapp #nojotohindi #goodvsbad