पढ़े लिखें सभ्य और जहां नारी पूजी जाती है वहां तो यही करते है😊🤮
कहीं और जोर नही चलता हमारा।
अपने घर की नारी में कोई हिम्मत हौसला नहीं भरते बल्कि उन्हें और दबाकर रखते है हमारी एक आवाज एक इशारे पर उठे,बैठे उतना ही बोले,इस तरह के परिवेश में हम रखते है। बहुत ही शर्मनाक हरकत है ये हमारे आधुनिक जमाने हमारी शिक्षा और हमारे धर्म,संस्कृति के लिए।🤦
कितने ही मानसिक भावनात्मक आर्थिक शारीरिक दबाव के साथ वो जीती है,ऐसा घर देकर हम अपने आपको उनका अपना कहते है, हमें परमात्मा इसकी सजा हमारे हर गुनाह से पहले देगा।🙏
कोई कहीं जा रहा हो या कोई आ रहा हो तो इसे सबसे पहले उठकर सारे काम करने है, खुद कुछ नहीं खाए लेकीन छोटे बच्चे से लेकर बड़े आदमी का दूध नाश्ता भाग भाग कर बनाएं,बच्चे/बड़े अंडरवियर तक इनके भरोसे छोड़ जाते है,दोपहर के खाने से कमर सीधी होती नहीं की शाम की चाय का समय हो जाता है,रात का खाना उसका जीवन खा गया,ये काम जो आदमी को बच्चो को कुछ नहीं नही लगते लेकिन नारी ना करें तो आपकी कमाई इन कामों के नौकर लाने के काबिल नहीं है।
मां बहन बेटी पत्नि इनका जीवन इन कामों में जा रहा है, आदमी/लड़के जो अपने आपको नारी से ज्यादा काबिल होते है, इनके काम कम हों इसके लिए अपना दिमाग लगाकर क्यों साबित नहीं करते काबिलियत अपनी। #Shayari#घरेलूहिंसा#3M#MissionMaanyMaang#मिशनमान्यमांग