जिस्म बेच दिया तो ये सम्मान बेच दो, अच्छे होने का अपना ये गुमान बेच दो, मैं नहीं कहता कि इश्क गुनाह है, मगर, इसका मतलब ये नहीं की अपना ईमान बेच दो... : रविकांत तिवारी ©Ravikant Tiwari #ravi_sankrit20 #pen_portrait01 #Shayari #ravisankrit #Ravikanttiwari #poetry