ये जिन्हें डर नही। सागर की गहराई से।। फर्क नही है जिन्हें। फलक की ऊँचाई से।। काली आँखों के काजल में डूबते उन्हें। मैंने भी देखा है।। एक मुस्कान पर पैर उनका फिसलते। मैंने भी देखा है।। #शर्मा_जी_के_कलम_से