मैं स्कूल नही जाऊंगा रमज़ान का रहमतों भरा महीना जुमे का दिन मस्जिद पूरी तरह से भरी हुई एक पाँच छ साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को लेकर मस्जिद के एक तरफ कोने में बैठा हाथ उठा कर अल्लाह से न जाने क्या मांग रहा था। कपड़ों पर मेल लगा हुआ था मगर निहायत साफ, उसके नन्हे नन्हे से गाल आँसूओं से भीग चुके थे।