ये मां के नर्म मुलायम हाथों की थपकी ही थी जिसने कभी सहलाया.. कभी प्यार से थपकी दे.. आकार दिया मुझ्को.. मां की गुस्से से की हुई पिटाई में भी.. कभी वो दर्द न हुआ.. जो दर्द कुछ अपने जुबां से दे गए.. मां के कसैले शब्दों में वो मिठास थी.. जिसने शक्ति दी इस कड़वी दुनियां से मुक़ाबला करने का... "माँ की गोद में तो मैंने वो 'जन्नत' को पाया है" "मेरी हिफाज़त करने खुद मेरा ख़ुदा आया है" बड़े दिनों बाद एक बार फ़िर से लौट आए हैं हम। "आईए जुगलबंदी करें इस प्यारी सी छवि व वाक्यांश के साथ और बताएँ कि माँ की गोद आपके लिए क्या है" (हमारे पोस्ट को हाइलाइट्स कर्णान भूलें) "कॉलेब करने के बाद कमेंट बॉक्स में 'संपन्न'/'Done' लिखना न भूलें"