सोचता हूं कि किस तरह,आने वाले का सत्कार करूं। खुशी का इजहार करूं या दिल से सुक्र गुजार करूं । चला गया जो ,कुछ अपना सा ही था । ना जाने फिर क्यों ,उसके जाने का उल्लास करूं । दिखाया बहुत जो भी उसने, कैसे उसे बेकार करूं। हंसते हुए गुजरे पल का नजराना , अब कैसे इंकार करूं। कुछ इठलाती सी यादें हैं वो, मेरी जीवन की हसती सी यादें हैं वो। ए जाने वाले पल कैसे तुझको मैं याद करूं, तेरा अंतिम शृंगार करूं, जी भर भर धन्यवाद करूं । अनूप रावत ©anoop rawat #goodbye2021