"तू ये ना समझ की दुनिया, ऐसे ही बदल जाएंगी बिना कुछ किए तुझे ,जन्नत मिल जाएगी सिर आंखों में तुझे लोग ऐसे ही बैठाएंगे ये उम्मीद तू ना पालना, क्यूंकि भ्रम हुआ है, तुझको शायद तू दुनियां को नहीं जानता है यहां कुछ करने के लिए, जान लगाना पड़ता है,तब जाके कहीं इस दुनिया का और दुनिया वालों का नजरिया बदलता है" ©पथिक #नज़रिया दुनियां का#