उठेगा झूट की कफ़न कभी ना कभी कब्र वो सच में बेहत ताकत शामिल है मसरूफ यहाँ सब “ फूल “ चढाने में सदा जैसे “ गुनाह “ को सजाए मौत के अदालत में असर देखो आज गूंज हर आवाज़ की चीख चीख कर अपनी तकदीर लिखने में जुटे कदम छोटी बेसक बढे एक बदलाब के और अब मंजिल की तरफ आयी सब बाँध एक एक कर टूटे . . . . #Warriors4SSR