*मुसिकाइ के नैना किये तिरछे, चित लै गयौ, लै गयौ, लै गयौ री।**हँसि बोलि कें दूर गयौ जब से, दुख दै गयौ, दै गयौ, दै गयौ री॥* तेरी याद में सूख गयीं अँखियाँ, सबरौ जल बह गयौ, बह गयौ री।* लौटिके आयौ न आज तलक, जब आइबे की कह गयौ, कह गयौ री॥ #Radharaman lal ji