जादू अपनी जिंदगी में जादू करने के लिये खुद ही जादूगर बनना पड़ता है गर कोई और करे तो वो हमारा आका हम उसके गुलाम फिर हमारा आत्म सम्मान उसके बनाये पिंजरे में कब कैद हो जाता है हमें खबर भी नहीं होती और फिर हम उम्मीद करते एक और जादू की जो इस बार भी आपने अपने लिये खुद नहीं किया तो यह ऐसा सिलसिला है जो कभी खत्म नहीं होता मगर जिंदगी खत्म हो जाती है देर तक छाँव चाहिये तो पेड़ खुद लगाना ही पड़ेगा उधार ली छाँव ज्यादा देर नहीं टिकती वैसे ही जादू देखना है तो समझने वाली नजर और जादू करने की क्षमता रखने वाला ह्रदय पैदा करना होगा। ©Astha gangwar © #WForWriters #जादू #aasthagangwar