क्या सुनोगे मेरी व्यथा पानी और अश्रु की कहानी दुनिया ने तो विष घोला है भाव को मेरे रंग से तौला है जिस दिन हृदय झंकार बनेगी उस दिन भाव हीन मेरी संसार बनेगी क्या करोगे तब बंधन में मुझको बाँध कर नीरस जीवन ही प्रेम बन जायेगा यह अश्रु व्यथा नहीं कहानी बतायेगा ...✍भारती कुमारी भारती कुमारी