हम अश्क़ बहाते है घर में, वह रक्त बहाते है रण में। अब और बहेगा न रक्त यहाँ , दुश्मन भी होगा पस्त यहाँ।। न रोया था, न चीखा था जब लहू में अपनी भीगा था। खाकर गोली भी वह तना रहा, झुकना उसने कहाँ सीखा था।। 🇮🇳 जय हिन्द 🇮🇳 #गलवानघाटी #श्रद्धांजलि #जवान सुनो मेरे यार,