खुशियो को ठुकराकर देखो ग़म से हाथ मिलाकर देखो प्यार की रीत निभाकर देखो दिल को तुम तङपाकर देखो मन्ज़िल खुद क़दमों में होगी थोङा कष्ट उठाकर देखो धरती पर जो ज़न्नत चाहो कोई पेङ लगाकर देखो गुम हो जायेंगे ग़म सारे गीत खुशी के गाकर देखो जीवन सुखमय हो जायेगा दुख में तुम मुस्काकर देखो प्यार तुम्हे भी हो जायेगा हमको पास बुलाकर देखो "दर्द" अगर चाहत ज़न्नत की माँ की गोद में जाकर देखो मनोज दर्द मुगाँवली म प्र स्वारचित