अब तो तुम्हारी गली में आने से दिल में ख़ौफ जग जाता है, तुम्हारा चेहरा और वो मुस्कान धुंधला होकर चल जाता है; बहुत कोशिशें की तुमहारी यादों को मिटादू पर इस शहर में रहना सारे लमहों को समेटे वापस ले आता है, उन लमहों से ख्वाबों को बुनकर मैंने मुसलसल ख़ुद को दर्द दिया है ख्वाबों में तुम्हारी परछाई का आना भी दिल दहला जाता है; भरोसा की दहलीज पर खड़ा था ईश्क तुम्हारे इन्तज़ार में तुम्हारा नकारना सारे रिश्तो से भरोसा छीन जाता है; तुम्हारा मेरी गली में आने का इन्तज़ार दिल को बेबसी से रहता था अब तुम्हारा शहर से दूर जाना दिल को सूकून देता है । आदित्य कुंवर #love #shayari #hindi #urdu